रोज नई उमंग है
ध्येय की खोज में
खेद की सुरंग है
आग है पेट में
हात अभी तंग है
आँख भरे सपनो में
आशाएं बुलंद है
नया दिन नया संग
कई चेहरे कई रंग
साथ चले राह में
ताल भी तरंग है
कभी हार कभी जीत
फिर भी दिल मलंग है
फिर भी दिल मलंग है
श्रीमत,